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173 / हीर / वारिस शाह

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मिली जा वधाई जा खेड़यां नूं लुडी मारके झुंमरा<ref>एक नाच का नाम</ref> घत दे ने
छालां मार उपुठियां खुशी होए के लाए मजलसां खेड़दे वत दे ने
भुले कुड़म मिले सानू शरम बाले रजे जट वडे अहिल पत दे ने
वारस शाह दी शीरनी वंडदिआं ने वडे देगचे दुध ते भत दे ने

शब्दार्थ
<references/>