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204 / हीर / वारिस शाह

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कालू-बला<ref>शुभ दिन</ref> दे दिन नकाह बधा रूह नबी दी आप पढ़ाया ए
कुतब हो वकील विच आन बैठा हुकम नब्ब ने आप कराया ए
जबराईल मेकाईल गवाह चारे अजराइल<ref>यह चार फरिश्ते</ref> असराफील आया ए
अगला तोड़ के होर नकाह पढ़ना आख रब्ब ने कदों फुरमाया ए

शब्दार्थ
<references/>