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2 / हीर / वारिस शाह
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दूई ना’त रसूल मकबूल वाली जैंदे हक्क नजू़ल<ref>नाज़िल किया</ref> लोलाक<ref>दुनिया में</ref> कीता
खाकी आख के मरतबा वडा दित्ता सब खलक दे ऐब तों पाक कीता
सरवर<ref>सरदार</ref> होए के औलिआ अंबीआ दा अगे हक्क दे आप नू ख़ाक कीता
करो उमती उमती रोज़ किआमत खुशी छडके जीउ गमनाक कीता
शब्दार्थ
<references/>