भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अंजनी के पुत्र तोहें बाँके हो ललनमा / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:31, 30 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
अंजनी के पुत्र तोहें बाँके हो ललनमा
से अंजनी के पुत्र हनुमान हो ललनमा
कि आहे तोहें लंका गेलऽ
मंुद्रिका पहुँचाय एलऽ
सिया सुधि खबरि जनेलऽ हो ललनमा
अंजनी के पुत्र तोहें बाँके हो ललनमा
कि आहे तोहें लंका गेलऽ
संजीवनी उखाड़ि लेलऽ
लछुमन-बुटी केलऽ परचार हो ललनमा
अंजनी के पुत्र तोहें बाँके हो ललनमा
कि आहे नांगरि बढ़ाय लेलऽ
तूर लेपटाय लेलऽ
लंका के केलऽ सुड्डाह हो ललनमा
अंजनी के पुत्र तोहें बाँके हो ललनमा