भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अओ निंदिया रानी / पीसी लाल यादव

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:52, 26 अगस्त 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पीसी लाल यादव |अनुवादक= |संग्रह=मै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अओ निंदिया रानी, ओ निंदिया रानी
सपना के डोली म आ, सुना मीठ बानी।
अओ निंदिया रानी...

रिगबिग फूले राहय, सपना के फुलवा
मया-पिरित के नोनी, झूलत रहे झुलवा।

नैनन के गली समा, सुना गीत-कहानी।
अओ निंदिया रानी...

सुरूज ह बूड़गे हे, चिरई मन सुतगे हे,
झिल-मिल चंदैनी संग, चंदा ह उठगे।

खुसी के आसा जगा, छींच पिरित-पानी।
अओ निंदिया रानी...

पाँव म नोनी के कभू, काँटा झन गड़य।
बाँहा बल, गियान ले, सरग निसैनी चढ़य॥

रेसमा ही डोरी लमा, कुलकय करेजा चानी।
अओ निंदिया रानी...