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अगर आप दिल से हमारे न होते / गुलाब खंडेलवाल

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अगर आप दिल से हमारे न होते
तो नज़रों से इतने इशारे न होते

नहीं प्यार होता जो उनको किसीसे
तो आँचल में ये चाँद-तारे न होते

बहुत शोर था उनकी दरियादिली का
हमें देखकर यों किनारे न होते

कहाँ से ग़ज़ल प्यार की यह उतरती
जो हम उन निगाहों के मारे न होते

गुलाब! आप खिलते जो राहों में उनकी
तो ऐसे कभी बेसहारे न होते