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अतिवाद और अतिचार के बीचों-बीच / परिचय दास
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अतिवाद और अतिचार
के बिचों-बीच
एक
सर्वानुमति का सहज रास्ता निकालिए :
यही विवेका का विन्यास है ।
हाम्रे विचार से क्रांति की अतिरंजकता
एक प्रतिगामी तथ्य है :
वैसे ही,
जैसे
विचार की अराजकता को पालना-पोसना
मनुष्य, समाज और राजनीति को उल्टी दिशा में
ले जाना है ।