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आ री निंदिया, आ री निंदिया / शंभुदयाल सक्सेना

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आ री निंदिया, आ री निंदिया,
सपने भर-भर ला री निंदिया।
सोता है भैया पलने में,
तारों को दे जा री निंदिया।
प्यारी निंदिया, प्यारी निंदिया,
चंदा को संग ला री निंदिया।
मुन्ना के फुलके गालों पर,
फूलों की छवि प्यारी निंदिया।
ओ री ऐसी-वैसी निंदिया,
तेरी ऐसी-तैसी निंदिया।
है तू निपट अनारी निंदिया,
ओ री निंदिया, आ री निंदिया,
माथे पर दे जा री निंदिया।