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आएगी सरकार किसकी / ओमप्रकाश यती

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आएगी सरकार किसकी, है बड़ा संकट मियाँ,
देखिए अब बैठता है ऊँट किस करवट मियाँ

कुछ ज़रूरत ज़िंदगी की, कुछ उसूलों के सवाल,
चल रही है इन दिनों खुद से मेरी खट-पट मियाँ

मुश्किलें आएं तो हँसकर झेलना भी सीखिए,
जिंदगी वर्ना लगेगी आपको झंझट मियाँ

तुम चले जाओ भले संसद में, ये मत भूलना
चूमनी है लौटकर कल फिर यही चौखट मियाँ

बदहवासी का ये आलम क्यूँ है बतलाओ ज़रा,
लोग भागे जा रहे हैं किसलिए सरपट मियाँ

जिनसे हम उम्मीद करते हैं संवारेंगे इसे,
कर रहे हैं मुल्क को वो लोग ही चौपट मियाँ

गाँव आकर ढूँढता हूँ गाँव वाले चित्र वो,
छाँव बरगद की किधर है? है कहाँ पनघट मियाँ?

पीढ़ियों को कौन समझाएगा कल पूछेंगी जब,
लाज क्या होती है और क्या चीज़ है घूँघट मियाँ?