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आजाद देश में आजादी / हरींद्र हिमकर

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जब बापू मंगलें आजादी
तब बाबा जनलें आजादी
जब दाई सुनली आजादी
तब ऊ कह दिहली माई से
माई बाबू से कह दिहली
बाबू फिर कहलें चाचा से
तब चाचा चाची से कहलें
चाची से जे-जे बतुआवल
आजादी के सपना पावल

तब चरखा नाचल घर-घर में
चरखा संग नचलें उन्मादी
देहे-देहे लागल खादी
सबका माथे टोपी लागल
भारत के सब कोना जागल
चल पड़ल जवानन के टोली
बोलत आजादी के बोली
कुछ पकड़ाइल कुछ जेल गईल
शासन-जनता बेमेल भईल
नीलहि कोठी के तेज घटल
नारा से सारा देश पटल

गोरा खेलल खूनी होली
ना दबल जवानन के टोली
अपना जिद में सब मानल ना
सीना खोलल खाईल गोली

कुछ गरमाईल गोली मारल
केहू जब कतहीं ना हारल
तब डरल फिरंगी हार गईल
तब रानी का घर तार गईल
आरत भारत बाजी मारल
कवनो बिध कतहीं ना हारल
बोली से गोली हार गईल
सब गोरा सीमा पार गईल

सब कहलें आजादी आईल
मोटा-मोटा खादी आईल
ऊजर-ऊजर बकुला पांखी
आजाद देश के बैसाखी

पनरे अगस्त सैंतालिस के
दिन रहे देश का मालिस के
पालिस पर पालिस भईल खूब
अंग्रेजी शासन गईल डूब
सब लाल किला पर गोट भईल
बदलल बिधान तब भोट भईल
सब मिलके जन गन मन गावल
आपन-आपन हक फरिआवल
भीतर-भीतर सब राज बंटल
सब कहलें भारत एक अटल
तब गणतंत्री नारा लागल
जनता चिचियाईल बन पागल

अब सत्तर साल गुजरला पर
रमुआ खोजत बा आजादी
कुछ काम धाम के आजादी
खाये पहिरे के आजादी
खेती बारी के आजादी
बन बनिहारी के आजादी
घर बार सड़क बिजली पानी
जस दिल्ली में चानी-चानी
इहँवां चूअत छप्पर छान्ही
सुख से जीए भर आजादी
मत भुलियावऽ द आजादी
आजाद देश मे आजादी

बा बन्हकी परल छोड़ाव ना
खुलके कुछ कदम उठाव ना
दुखियन के जाब हटाव ना
हहरत हियरा हरसाव ना
हियरे-हियरे दऽ आजादी
जियरे-जियरे दऽ आजादी

जन-जन के हंसी तिरंगा हऽ
जन-जन के खुशी तिरंगा हऽ
जन-जन मे बांटs आजादी
कन-कन मे बांटs आजादी
जन-गन का चाहीं आजादी
आजाद देश में आजादी
आजाद देश में आजादी.....