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इक प्यार का नग़मा है / संतोषानन्द

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इक प्यार का नग़मा है, मौज़ों की रवानी है
ज़िन्दगी और कुछ भी नही,तेरी मेरी कहानी है...

कुछ पा कर खोना है, कुछ खो कर पाना है
जीवन का मतलब तो ,आना और जाना है
दो पल के जीवन से इक उम्र चुरानी है..

तू धार है नदिया की, मैं तेरा किनारा हूँ
तू मेरा सहारा है, मै तेरा सहारा हूँ
आँखो मे समन्दर है, आशाओ का पानी है..

तूफ़ान तो आना है, आकर चले जाना है
बादल है यह कुछ पल का, छा कर ढल जाना है
परछाईयाँ रह जाती, रह जाती निशानी है..

जो दिल को तसल्ली दे वो साज़ उठा लाओ
दम घुटने से पहले ही आवाज़ उठा लाओ
ख़ुशियों की तमन्ना है, अश्को की रवानी है ..

ज़िन्दगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है...


फ़िल्म : शोर (1972)