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इनी भूम आवो नीपजे / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

इनी भूम आवो नीपजे
अदा का कतरिया पान
गंगा-जमना उतावळी
तिरवेणी अस्नान
जियन फलाणा राय सांपड़े
कई उदके कन्यादान
चना चवन्तो आवियो
गोरी दुलहन थारो कंत
चूना भरी छे कांथली
ओका ऊलण वास्या दंत
इनी भूम आदो नीपजे
इना आदा का कतरिया पान
गंगा-जमना उतावळी
तिरवेणी अस्नान
जियन फलाणा राम सांपड़े
कई झेले कन्यादान
लोंग चवन्तो आवियो
गोरी थारो दुल्हन कंत
लौंग भरी छे कांथली
वाका कपूर वास्या दंत।

एक बणज हम इन्दौर से करस्यां
बिछिया की जोड़ी भले लई आस्यां
एक बणज हम देवास से करस्यां
तोड़ा की जोड़ी भले लई आस्यां