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उनकी आँखों में दिखे है जो इशारा कोई / रवि सिन्हा

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उनकी आँखों में दिखे है जो इशारा कोई
हमसे पूछे तो सही हाल हमारा कोई

आज फ़ुर्सत है ग़मे-जानाँ<ref>मुहब्बत के ग़म (woes of love)</ref> ग़मे-दौराँ<ref>दुनिया के ग़म
(woes of the world)</ref> से
आज करता है समन्दर से किनारा कोई

ये तो लाज़िम है के पनपेगी अनासिर<ref>तत्व, पंचभूत (elements)</ref> में हयात<ref>जीवन (life)</ref>
आब जो भर दे अगर अश्क सा खारा कोई

देख फिर ख़ाक से उभरा है ख़ुदी का जल्वा
देख फिर अपनी ही ता’मीर<ref>बनावट (structure, creation)</ref> से हारा कोई
 
चाँद-तारों में तड़प और ख़ला<ref>शून्य, अंतरिक्ष (interstellar space)</ref> में लर्ज़िश<ref>थरथराहट (trembling, quivering)</ref>
दफ़्न सूराख़-ए-तीरा<ref>ब्लैक होल (Black Hole)</ref> में सितारा कोई

शब्दार्थ
<references/>