भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उसकी हत्या में हथियार शामिल नहीं होंगे / चन्दन सिंह

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:15, 30 अगस्त 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्दन सिंह |अनुवादक= |संग्रह=बारि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह तय है कि वह मारा जाएगा
पर, उसकी हत्या में
हथियार शामिल नहीं होंगे
सब्ज़ी काटने से भले ही गन्दा हो जाए कोई चाकू
उसके ख़ून से तो हरगिज़ नहीं

किसी दिन वह एक गाड़ी के नीचे
नहीं आएगा बचकर बगल से गुज़रता
उसकी ख़ूबसूरती से मारा जाएगा

किसी दिन अपने इकलौते सूट में जबरन घुसा हुआ
एक शानदार दावत में घुसपैठिया-सा वह
खाकर जबरन रोकेगा डकार
बीवी की नाक तक ख़ुशबू ले आने
बग़ैर साबुन से हाथ मले लौटेगा
कि रास्ते में ही अँगुलियों की जूठी ख़ुशबू डस लेगी उसे

साहब की घूसखोरी से नहीं डाँट से नहीं
उनके बड़े बेटे के आत्मविश्वास
और छोटे बेटे की अँग्रेज़ी से मारा जाएगा वह
वह मारा जाएगा प्रेम से
जो अमीर छोकरों ने किया
साहसी गुण्डों ने किया
उसने जो नहीं किया उस प्रेम से मारा जाएगा वह

ऐसी ही मासूम चीज़ों से मारा जाएगा वह लेकिन
मरकर न अमर होगा वह मुर्दा
उसकी हत्या
इतिहास में तो क्या
थाने में भी दर्ज नहीं मिलेगी आपको ।