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करिया कँवर कन्हैया / पीसी लाल यादव

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हाँ करिया कुँवर कन्हैया-
नाच नचाए ताता थैय्या।
जमुना तीर म रास रचाए-
अरे बंसी के बजइया।

वृंदावन के गूंज गलिन म
ठउँहे नाच नचाए।
रद्दा रंेगत गगरी फोरे
दूध-दही ल नंगाए॥

कोनो सखी ल छोड़े नहीं,
धेनु के चरईया।

धुन सुन के बंसुरिया के,
जी उकुल-बुकुल होइ जाए।
का मोहनी डारे कन्हैया
कुछु समझ नई आए॥

सुध-बुध बिसराए सबके
नांग के नथइया।

जतके करे टिमाली कान्हा
ततके मन नीक लागे।
सऊत बने मुरलिया तभो
सब ल मीठ लागे॥

सबके दुःख-दरद हरे ओ,
गोबर धन के उठइया।