भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

करोड़पति / तोताराम ढौंडियाल 'जिग्यांसु'

Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:33, 9 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तोताराम ढौंडियाल 'जिग्यांसु' }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

नैतिकतौ झन्डा फैरान्दा फैरान्दा;
जिन्दगिकि रुम्कां तक् बि;
एक नेतण तक नि जोड़ि पायो नैतिक-
स्यो आकन्ठ कर्जम् डूबिक् मोर्गे!
अर् ब्यालौ समाज-सेवक;
आज; करोड़पति ह्वैगे!!