भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कहाँ का सवदागर लिए जा है जी अम्माँ / मगही

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:35, 28 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कहाँ का सवदागर<ref>सौदागर, व्यापारी</ref> लिए जा है<ref>जा रहा है</ref> जी अम्माँ।
पतली कमरिया छुरिया<ref>चिकने और लंबे-लंबे</ref> बाल है जी अम्माँ।
अम्माँ, कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ॥1॥
दादी सब दादी बीबी, मुख देखें हैं जी अम्माँ।
घूँघट खोले हैं जी अम्माँ।
पतली कमरिया छुरिया बाल है जी अम्माँ।
अम्माँ, कहाँ का सवदागर लिए जा रहा है जी अम्माँ।
कहाँ का बनजारा<ref>व्यापारी</ref> लिए जा हैं जी अम्माँ॥2॥

शब्दार्थ
<references/>