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कौन कौ मुरगा रंगौ चंगौ मगरे दै आवाज / बुन्देली
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कौन कौ मुरगा रंगौ चंगौ मगरे दै आवाज।
हमरे ससुरा कौ मुरगा रंगौ चंगौ सो मगरे दै आवाज।
ननदी की सास नै मोलायो सो लै गई मगरे मार।
कौन कौ मुरगा...
हमरे जेठा कौ मुरगा रंगौ चंगौ सो मगरे दे आवाज।
दूल्हा की बहिना ने मोलायौ सो लै गई मगरे मार।
कौन कौ मुरगा...