भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

क्या हुआ वो 70 साल की वृद्धा है / कपिल भारद्वाज

Kavita Kosh से
Sandeeap Sharma (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:00, 19 जनवरी 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कपिल भारद्वाज |अनुवादक= |संग्रह=स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

क्या हुआ वो 70 साल की वृद्धा है,
या साल भर की बच्ची,
वह गर्भवती है या बीमार,
नोकरी-पेशा है या घरेलू,

शिष्टता से ढंके इस बलात्कारी समाज मे,
पशुत्व के विशेषण से सुशोभित समय में ।

कहकहों और रोदन के बीच,
सुबकती मानवता के परले सिरे पर,
एक प्रेमी प्रेमिका अपनी होने वाली बच्ची के नाम पर जिरहबाजी करें,
नहीं रेहाना नहीं मनीषा ठीक रहेगा,
ना-ना मैं तो रेहाना ही रखूंगा,
तो ऐसा लगता है,
मानो कोढ़ लगी इंसानियत के शरीर के कुलबुलाते अंग को,
लेप दिया गया है भीनी खुशबू की औषधियों से ।