भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ख़ामुशी से बयान देते हैं / बी. आर. विप्लवी

Kavita Kosh से
Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:17, 7 सितम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बी. आर. विप्लवी |संग्रह=सुबह की उम्मीद / बी. आर. विप...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ख़ामुशी से बयान देते हैं
दर्द को इक ज़ुबान देते हैं

जब मुअज़्ज़िन अज़ान देते हैं
नेक बन्दे ही ध्यान देते हैं

देख लेना कभी न आएगा
आप ये किसपे जान देते हैं

ये सहूलत के साजो सामां ही
बेज़ुबाँ सी थकान देते हैं