भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खाजो पेजो मंगत, राज करजो रे भाई / पँवारी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:26, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=पँवारी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
खाजो पेजो मंगत, राज करजो रे भाई
जीवजो रे लाखो बरीस रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
गाँवज गाँव का सखा बुलाया भाई
मंगत भयो अस्वार रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
बजन लग्या ओका बजीतर रे भाई
मंगत चल्यो रण जुझ रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।