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खेल गीत / भाग - 2 / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

14.
आय्हनी, काय्हनी बुद बाय्हनी
राम मऽ गिर्यो पानी
ओकी ऊगी दूब
दूब खायी गधा नऽ
गधा नऽ दी लीद
ओका बनाया चार गागड़ा
तीन गागड़ा सूक गया
एक गागड़ा सुक्योच नी
काहे रे गागड़ा काहे नी सूक्यो
मऽपऽ बच्छा न छायच् छाय करी
काहे रे बच्छा काहे छाय करी
मखऽ गइया नऽ दूध नी पिलायो
काहे ओ गइया काहे नी पिलायो
मखऽ बलकी नऽ चराईच नी
काहे रे बलकी काहे नी चराई
मखऽ पोरी नऽ रोटीच नी दी
काहे ओ पोरी काहे नी दी
मखऽ चाटु मिल्योच् नी
काहे रे चाटु काहे नी मिल्यो
मखऽ पोरी नऽ ढूँढ्योच नी
काहे ओ पोरी का हे नी ढूँढ्यो
मनऽ ढूँढ्यो पर मिल्योज नी।।

15.
काय्हनी बुदबाय्हनी
रात खऽ गिर्यो पानी

16.
मेण्डक रानी पानी दे
धान कोदो पीकू दे
बगला बगला दूध दे।

17.
मूत दे, मूत दे
तोरी गाय दूध दे।

18.
दान दे दान दे
लकड़ी को दान दे।
दान दे दान दे
गिल्ली को दान दे।
दान दे दान दे
कौड़ी को दान दे
गुच्चू को दान दे।
दान दे दान दे
मत उल्टो कान दे।
दान दे दान दे
मत उतऽ ध्यान दे।

19.
दान- दाँव देना, डोल देना।
कौड़ी- कौड़ी खेल में दान देना।
गुच्चू- पैसे से खेला जाने वाला खेल।
बद्या- जमीन पर बनाया गया छोटा गड्ढा जिसमें पैसे जमा होते हैं।
उल्टो कान- दूसरों की बात को कान लगाकर सुनना।

20.
पाछअ देख मार खाहे,
घोड़ा बदाम खाहे।।

21.
या बाई रान्धय
या जेवन देय
या झाुडु लगावय
या बर्तन माँजय
या गाड़ा चलावय गुडु... गुडु.... गाड़ा

22.
रोन्टी को खेल खोन्टी मऽ
तोरी बकरीऽ को कान टूट जाय।

23.
बना को अवधपुरी अवतार
जनकपुर ब्याव्हन जइयो रे।
बना की मैय्या देखय बाट
मना मऽरोऽ कब लख आवय रे।1।
बना का खीसा मऽ को गेंद
बना मऽरोऽ खेलन आवय रे
बना का चन्दा सरिको रूप
सखि सब देखन आवय रे।2।
बना के आंगना फुल गई बेल
कुसुम रंग फीको पड़ गयो रे।
बना को बाबुल हय सरदार,
बना का आघऽ आवय रे।3।
बना का खीसा मऽ को इत्र
बना मऽरोऽ महेकत आवय रे।
बना की मैय्या देखय बाट
बना मऽरो कब लख आवय रे।4।

24.
मऽरोऽ बन्ना चल्यो बड़ी घूमऽ सी रे
कुई नऽ का जादू डाल्यो।।
आगऽ डोला उनका बाबुल को रे
पाछऽ मैय्या को म्याना।1।
बीचऽ डोली बालक बन्ना की रे।
मोती झालर वाली
आगऽ डोला उनका काका का रे
पाछअ् काकी को म्याना।2।
बीचऽ डोली बालक बन्ना की रे
मोती झालर वाली।
आगऽ डोला उनके भाई का रे
पाछऽ भाभी का म्याना।3।
बीचऽ डोली बालक बन्ना की रे
मोती झालर वाली
आगऽ डोला उनके बव्हनय का रे
पाछऽ बहिन का म्याना।4।

25.
तोरा होठऽ कुम्हलाय रे दुल्हवा बीड़िया बड़ानी रे
कोनऽ पुराहे रे दुल्हवा नागर बेलि पान रे।1।
कोनऽ जो खरच्हे रे दुल्हवा टेटा का दाम रे
तोरा बाबुल जी खरच्हे टेटा का दाम रे।2।
बारी पुराहे रे दुल्हवा नागर बेलि पान रे
तोरा होठऽ कुम्हलाय रे दुल्हवा बीड़िया बड़ानी रे।3।
तोरा काकाजी खरच्हे दुल्हवा टेटा का दाम रे।
कौन पुराहे रे दुल्हवा नागर बेलि पान रे।4।
बारी पुराहे रे दुल्हवा नागर बेलि पान रे।
तोरा होठऽ कुम्हलाय रे दुल्हवा बीड़िया बड़ानी रे।5।