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खोट खता मनै दिए बता न्यू बूझै अंजना नार तनै / दयाचंद मायना

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खोट खता मनै दिए बता न्यू बूझै अंजना नार तनै
लत्ते टूम तरावण लाग्या के सोची भरतार तनै...

तेरा कहा के गेरूं सूं, मनै साच माच कर कार दई
हँसली कण्ठी हार झालरा, मोहन माला तार दई
डाण्डे बिन्दी और बोरला, संग में बेसर सार दई
हाथ कांगणा, बाजूबन्द, पछली चूड़ी फोड़ भीत कै मार दई
तू किसा मर्द बेदर्द, लिया ब्याही का तारा सिंगार तनै
मूर्ख पति कती ना जाणी, पतिभर्ता की सार तनै...

ल्यूं त्याग ओट कुछ काढ़ खोट, मत गला घोट बचपन के मांह
इस तै आच्छा सूत कटारी दे मार पिया मेरे तन के मांह
मेरी आंख्यां तै आँसू टपकै, तू हँसै खुशी होया मन के मांह
तू कुणबे म्हं मौज करेगा, मैं ल्या पटकी बन के मांह
मेरी खातिर चिण्या रहण महल शहर तै बाहर तनै
मैं देखण नै भटकूंगी घूमण नै शहर बाजार तनै...

के बेरा के-के नाम धरैंगी, मखोल करैंगी बीर मेरा
किसके आगै दुख रोऊं याड़ै सुणै ना सासरा पीहर मेरा
तेरा खोट नहीं सै बालम, सै माड़ा तकदीर मेरा
ढकी उघाड़ी पड़ी रहूंगी, ले दामण दखणी चीर मेरा
चौड़े काल्लर लूट लई मैं, दी धरती कै मार तनै
महाघौर इन्साफ पाप वो सिख्या कड़ै व्यवहार तनै...

उस माणस नै के खटका जीनै गुरु गाम सांकोल मिलै
सत की बात धर्म चर्चा म्हं, हांसी ना मखौल मिलै
सतगुरु मुंशी राम के धोरै, ब्रह्म ज्ञान का तोल मिलै
सेवा करकै पड़ै सीखणा, रुपए दिए ना मोल मिलै
छन्द विद्या की हथफेरी ली, सीख दयाचन्द कार तनै
आठ पहर घड़ी चौंसठ घंटे गाणे का रह विचार तनै...