भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गढ़वळि हाइकु-1 / धनेश कोठारी

Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:41, 15 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनेश कोठारी }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> 1. बोगठ्य...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

1.
बोगठ्या
काळू हो चा गोरु
दोष नि मिटण
त् क्य फैदू।

2.
पळ्नथरा
ढुंगौं पर बि पळ्येक
खुंडा होणान्
विचार।

3.
दूध्याळूं थैं दूद नि
अर गणेश-
गंडेळ होणान्।