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गर जा रहे हैं आप तो कुछ कहके जाइये / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
गर जा रहे हैं आप तो कुछ कहके जाइये
मेरे भी दिल का दर्द मगर सुनके जाइये।
आसूँ बहुत नये हैं अभी तर हवा चले
ऐसी फजा में आप जरा थमके जाइये।
वादे न हों तो ना सही, यादें तो हों सजी
कुछ चाहतें ज़रूर आप रखके जाइये।
मैं खुश हूँ मेरी आँख पे न जाइये जनाब
बस, एक इल्तिजा़ है मगर हँसके जाइये।