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गर्भ में बेटियों को न मारा करो / रोहित आर्य

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गर्भ में बेटियों को न मारा करो,
मर गई तो न सँसार चल पाएगा।
सिर्फ बेटों को पाने की सोचो नहीं,
छोड़ कर के वह तुमको निकल जाएगा॥1॥
गर्भ में बेटियों...
एक तरफ देवियाँ मानकर पूजते,
उनको ही मारने से नहीं चूकते।
सिर्फ नौ रात में पूज लेने से ही,
बेटियों का न अस्तित्व बच पायेगा॥2॥
गर्भ में बेटियों...
बेटियों के बिना सृष्टि चलती नहीं,
शम्मा इनके बिना कोई जलती नहीं।
आज की बेटियाँ कल की मातायें हैं,
क्या बिना माँ के जीवन ये चल पायेगा॥3॥
गर्भ में बेटियों...
गर्भ में माँ तुम्हारी जो मर जाती तो,
इस धरा पर वह जीवन नहीं पाती तो।
आज क्या तेरा अस्तित्व होता यहाँ,
कैसे तू जन्म लेता ये बतलायेगा?॥4॥
गर्भ में बेटियों...
इनके आने से घर भी चहक जाता है,
मुस्कुराने से जीवन महक जाता है।
ये चहक, ये महक, मुस्कुराना भला,
बोल बेटी बिना कैसे तू पायेगा?॥5॥
गर्भ में बेटियों...
तेरी गुड़िया-सी बेटी जो मुस्कायेगी,
तेरे घर में भी रौनक पसर जायेगी।
भूल जाएगा तू अपने सब रंज-ओ-ग़म,
देख बेटी के चेहरे को मुस्कायेगा॥6॥
गर्भ में बेटियों...
तेरे सुख-दु; ख में तुझको खड़ी पायेगी,
प्यार में बेटों से भी बड़ी पायेगी।
बेटा संपत्ति पाने लड़ेगा मगर,
रहते बेटी के आँसू नहीं आयेगा॥7॥
गर्भ में बेटियों...
खूब तप करता जब कोई इंसान है,
बेटी तब उसको देता जी भगवान है।
बेटी के रूप में तुझको देवी मिली,
उसके रहते न कोई भी दुख पायेगा॥8॥
गर्भ में बेटियों...
बात अपने दिलों से निकालो अभी,
आस बेटे की केवल न पालो कभी।
आज बेटों से आगे भी हैं चल रही,
कोई बेटा ना इन को पकड़ पायेगा॥9॥
गर्भ में बेटियों...
बेटियों को न बेटों से कम तोलिए,
बेटियाँ होती वरदान सब बोलिए।
बेटियाँ ग़र जो मारीं मिलेगी सजा,
बेटा ईश्वर के द्वारा ही छिन जायेगा॥10॥
गर्भ में बेटियों...
रिश्ते-नाते सभी ख़त्म हो जायेंगे,
चाची-मौसी से फिर कैसे मिल पायेंगे।
बुआ कहकर के किसको पुकारेंगे जी,
प्यारी बहना को कोई नहीं पायेगा॥11॥
गर्भ में बेटियों...
हमको ऋषिवर दयानन्द सिखला गये,
इनका स्थान क्या है ये बतला गये।
देवियाँ मानकर इनको पूजोगे तो,
देश का मान फिर जग में बढ़ जायेगा॥12॥
गर्भ में बेटियों...
दुनियाँ को मिटने से ना बचा पाओगे,
इनके मिटते ही तुम सारे मिट जाओगे।
सारा संसार "रोहित" सुखी होगा ये,
बेटियाँ गर रहीं तो ही बच पायेगा॥13॥
गर्भ में बेटियों..