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गीत 7 / छठा अध्याय / अंगिका गीत गीता / विजेता मुद्गलपुरी
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देह-गर्दन और सिर के सीध में होना जरूरी
ध्यान में हर अंग के बिल्कुल अचल होना जरूरी।
नासिका के अग्र भागों पर
नजर ध्यानी करै छै,
नै नयन के बन्द ही, अरु
नै नजर चंचल करै छै,
नासिका नै, मोन ईश्वर पर लगल होना जरूरी
देह-गर्दन और सिर के सीध में होना जरूरी।
ब्रह्मचारी भय बिसारी
शान्त अन्तः के करै छै,
और मन के खींच केॅ
ईश्वर चरण में जे धरै छै,
ध्यान योगी वास्तें, बिल्कुल अभय होना जरूरी
देह-गर्दन और सिर के सीध में होना जरूरी।
सब विकारोॅ से अलग भेॅ
शान्ति अरु वैराग्य धारै,
ध्यान में आलस्य निन्द्रा
आवि के संयम विगारै,
बाह्य जग से मन हटाना, शान्त चित होना जरूरी
देह-गर्दन और सिर के सीध में होना जरूरी।