भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गुरु तेग बहादुर / परिचय

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:29, 11 सितम्बर 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जन्म अमृतसर में हुआ। ये गुरु हरगोविन्द के पाँचवें पुत्र थे किन्तु आठवें गुरु इनके पोते हरकृष्ण राय की अकाल मृत्यु के कारण जनमत से ये नौवें गुरु बनाए गए। इन्होंने आनंदपुर साहब का निर्माण कराया तथा वहीं रहने लगे। औरंगजेब काश्मीरी ब्राह्मणों को मुसलमान बनाना चाहता था। इस अत्याचार के विरूध्द उन्होने गुरुजी की सहायता माँगी। गुरु ने कहा उससे कहो पहले मुझे मुसलमान बनाए। औरगंजेब ने सुना तो उन्हें पकडवा बुलाया। बहुत यातनाएँ दी, किन्तु वे धर्म बदलने को राजी नहीं हुए। अंत में इन्हें कत्ल करा दिया। मृत्यु के समीप भी वे अत्यंत शांत थे। इनकी बहुत सी रचनाएँ ग्रंथ साहब के महला 9 में संग्रहित हैं। इन्होंने शुध्द हिन्दी में सरल, भावयुक्त पद और साखी रचीं।