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चलो पंक्षी रे सब पावणा / निमाड़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

    चलो पंक्षी रे सब पावणा,
    आरे घुँगू बाई को छे ब्याव
(१) मिनी बाई का माथा प टोपलो,
    आरे मिनी बाई चली रे बाजार
    खारीक खोपरा लई लियाँ
    सईड़ीयों चावा रे पान...
    चलो पंक्षी...

(२) मिनी बाई बाजार से आईया,
    आरे ऊदरो पुछ हिसाब
    ऐतरा म आया कुतराँ जेट जी
    मिनी बाई भाँग ऊबी वाँट...
    चलो पंक्षी...

(३) हाड़ीयाँ न डोल बजावीयाँ,
    आरे कबुतर नाच बताये
    काबर वर मायँ बणी गई
    चीड़ीयाँ गाव मँगला चार...
    चलो पंक्षी...

(४) घुस न माटी खोदीयाँ,
    आरे डेडर कर रे गीलावों
    मैयना ने काम लगावीयाँ
    कोयल आई वई दवड़...
    चलो पंक्षी...