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चलों भाई चलो भाई जहाँ जन्मे कन्हाई हैं / नाथ कवि

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चलों भाई चलो भाई जहाँ जन्मे कन्हाई हैं।
करो आजाद भारत को इसी में अब भलाई है॥

भगादो दूर हिंसा को, धरौ दिल में अहिंसा को।
जो जाते देश हित वीरो कराना ना बुराई है॥

बखत ऐसा न पाओगे निकालो दिल के अर्मा सब।
हुकम मौहन का जो हो मान लो उसको सचाई है॥

लजाना दूध माँ का ना अर्ज ये ‘नाथ’ की भाई।
आजादी के दिवाने हो तुम्हें मेरी बधाई है॥

जुलम जालिम का है भारी, बोलने तक में हो ख्वारी।
आजादी की आखिरी शाह गांधी की लड़ाई है।