भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चाँद / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:56, 21 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हेमन्त देवलेकर |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वह आधे चंद्रमा को
हाथ में उठा लेती है
वह आधे चंद्रमा के
आर-पार देखती है
वह काग़ज़ पर
आधे चंद्रमा के
टुकड़े उतार लेती है
वह आधे चंद्रमा को
फ़िर साबुत बचा लेती है