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चाँद थक गया है / क्रिस्टीना रोज़ेटी

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चाँद थक गया है?
कोहरे के परदे में छिपा वह
कितना पीला-सा दिखता है,
नापता है रात भर में वह
नभ के पूरब से पच्छिम तक
के विस्तार को,
अनवरत चलते हुए भी वह,
विश्राम नही करता है

रात की आहट से पहले
काग़ज़ी सफ़ेदी झलकाता हुआ चाँद;
सुबह की दस्तक से ही
कुम्हला जाता है चाँद,
नभ पर ढल जाता है चाँद.

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सोनाली मिश्र

और अब पढ़िए कविता मूल अँग्रेज़ी में
Is The Moon Tired?

Is the moon tired? she looks so pale
Within her misty veil:
She scales the sky from east to west,
And takes no rest.

Before the coming of the night
The moon shows papery white;
Before the dawning of the day
She fades away.