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चुनाव के अइलइ समया / सिलसिला / रणजीत दुधु

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चुनाव के अइलइ समइया हो रामा
नेतवन निगलऽ जा हई
जीते गइया हो रामा।

पाँच बरिस तक कन्ने हल सभे नुक्कल
आय चल रहल हन गलिये गलिये घुम्मला
हाथ जोड़ कह रहल बाबु भइया हो रामा
चुनाव के अइलइ समइया हो राम

राजनीति के अब रोजगार बनइलक
मिल जुल एकरा बाले बच्चे अपनइलक
नाचे सभे ताता थइया हो रामा
चुनाव के अइलइ समइया हो राम।

जात-पात के भुलावा में मत भुलइहा
जे हो नेक ओकरे पर बटम दबइहा
मझधार से निकलऽ नईया हो रामा
चुनाव के अइलइ-2 समइया हो रामा।