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जबते राम नाम मत सानी / संत जूड़ीराम

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जबते राम नाम मत सानी।
रच पच रही गहो निज मारग काल कर्म की फिकर भुलानी।
बलहारों सतगुरु चरनन की दीजी अजब नाम सहदानी।
निस दिन बजत नाम की नौबद सुनि-सुनि शब्द प्रेम धुनि ठानी।
चार वेद वर खट शास्त्र मिल सोई शब्द गावत मुनि ग्यानी।
जूड़ीराम सतगुरु बलहारी जिन यह कही अगम धर बानी।