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जिन चरणन चित लागा मोरा / उर्मिल सत्यभूषण

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जिन चरणन चित्त लागा मोरा
दिल का हीरा माँगा मोरा
चुन-चुन कलियाँ माला में गूंथे
दीठ का सुई धागा मोरा
ललकी लहरें चंदा छूने
सोया सागर जागा मोरा
किसके हाथ संदेशा भेजूं
उड़-उड़ जाये कागा मोरा
उसकी लगन में ऐसी खोई
इच्छा मृग कित भागा मोरा
अनहद घुन पर रीझत नाचत
प्रेम सुधा उर पागा मोरा