भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जिस्म क्या चीज़ है ये जाँ क्या है / दीप्ति मिश्र

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:28, 22 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीप्ति मिश्र |संग्रह=है तो है / दीप्ति मिश्र }} [[Categ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जिस्म क्या चीज़ है ये जाँ क्या है
और दोनों के दरमियाँ<ref>बीच में</ref> क्या है

इक ख़ला<ref>रिक्तता, एकान्त, अकेलापन</ref> भीतर, इक ख़ला बाहर
फिर मुकम्मल-सा ये जहाँ क्या है

चार दीवार, छत, ज़मीं वालो
है भी मालूम आशियाँ क्या है

चन्द सिक्कों में तुल गए रिश्ते
सूद क्या और अब ज़ियाँ<ref>हानि, घाटा, क्षति</ref> क्या है

रोज़ जुड़ता है इक नया सफ़हा
ज़िन्दगी की ये दास्ताँ क्या है

शब्दार्थ
<references/>