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जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए / अदम गोंडवी
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Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:54, 28 नवम्बर 2019 का अवतरण
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए
आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिए
जो बदल सकती है इस दुनिया के मौसम का मिजाज़
उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिए
जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को
किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिए
मतस्यगंधा फिर कोई होगी किसी ऋषि का शिकार
दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिए