भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जुगनू बन या तारा बन / हस्तीमल 'हस्ती'

Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:55, 18 जून 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 जूगनू बन या तारा बन
राहों का उजियारा बन

सुर ही तेरा जीवन है
बंसी बन या तारा बन

आवारा का मतलब जान
शौक़ से फिर आवारा बन

एक किसी का क्या बनना
दुनिया भर का प्यारा बन

सच इसां की दुनिया में
घूम रहा बेचारा बन।