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जौ जी रजऊ रजऊ के लानें / ईसुरी
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बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: ईसुरी
जौ जी रजऊ रजऊ के लानें
का काऊ सें कानें।
जौं लों जीनें जियत जिन्दगी
रजऊ के हेत कमानें।
पेले भोजन करें रजऊ आ,
पाछे कें मोय खानें।
रजऊ रजऊ कौ नाँव ईसुरी
लेत लेत मर जानें।