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टेनशन / मोहन हिमथाणी

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मकड़ीअ जे ॼारे में
वेढ़ियल, दज़ियल
बाबे जी तसवीर खे ॾिसी हूं
रोजु़ सोचीन्दो आहे

हिन मोकल ते इहो कमु
ज़रूर कन्दुसि
केॾो न सुठो हो बाबो।

केॾो न सुठो थो लॻे
ख़ाली दीवार ॾिसी!
गुज़िरियल मोकल ते हुन
इहो कमु करे ई छॾियो
हाणे नो टेनशन।