भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तपास / मीठेश निर्मोही

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:06, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उण दिन आपै में
कोनीं हा आपां
भूख अर तिरस
भिड़गी ही
मांहौमांह।

वासना री
भूख
कविता री
तिरस
दोन्यूं री अेक ई
तास !

उण दिन ई
व्ही ही
इणरी आ नेगम
तपास।