भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तम्सील/ फ़राज़

Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:16, 17 जुलाई 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


तम्सील <ref>उपमा</ref>

कितनी सदियों के इन्तज़ार के बाद
क़ुर्बत-ए-यक-नफ़स<ref>घनिष्टता</ref> नसीब<ref>भाग्य से मिली हुई</ref> हुई
फिर भी तू चुप उदास कम-आवेज़<ref>मिलने-जुलने से कतराने वाला (of reserved nature)</ref>

ऐ सुलगते हुए चराग़ भड़क
दर्द की रौशनी को चांद बना
कि अभी आंधियों का शोर है तेज़

अप पल मर्ग-ए-जावेदां<ref>हमेशा क़ायम रहने वाली मृत्यु</ref> का सिला<ref>फल, बदला</ref>
अजनबीयत<ref>अनजानापन</ref> के ज़हर में मत घोल
मुझको मत देख मगर आँख तो खोल

शब्दार्थ
<references/>