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तरुवर / तुलसी पिल्लई

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मैं जीवन में
तरुवर बनूँ
छाया दूँ सबको
और खुद
डटकर धूप सहूँ
कोई तोड़े
चाहे
फल-फूल सी
खुशियाँ
मैं दर्द सहकर भी मौन रहूँ
परमात्मा से
विनय मेरी
मेरे जीवन को
तरुवर बनाना
कभी अहं न बीच में लाना
मैं जीवन में
तरुवर बनूँ
छाया दूँ सबको
और खुद
डटकर धूप सहूँ
ऐसा हो दृढ़निश्चय मेरा।