भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ता थैया ता थैया थोरे दिनन की ता थैया / बुन्देली

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:56, 13 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बुन्देली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ता थैया ता थैया थोरे दिनन की ता थैया।
पंडित की बेटी अपने बाप से कहै पोथी पै बेटी कैसे रहे।
बनिया की बेटी अपने बाप से कहै, तखरी पै बेटी कैसे रहे। ता थैया...
कुम्हार की बेटी अपने बाप से कहै, चुका पै बेटी कैसे रहे। ता थैया...
बढ़ई की बेटी अपने बाप से कहै, बसूला पै बेटी कैसे रहे। ता थैया...
ढीमर के बेटी अपने बाप से कहै काँवर पै बेटी केसे रहे। ता थैया...