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तीन कौए / मक्सीम तांक / अनिल जनविजय

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तीन कौए चक्कर काट रहे हैं
मारे गए गुरिल्ला सैनिक की लाश पर
और दुख प्रकट कर रहे हैं ...

किसे ख़बर दी जाए इस दुर्घटना की
उसे, जिसने विवाह किया इससे
या इसकी बूढ़ी माँ को
या प्रिय दोस्तों को इसके?

तीन कौए डोल रहे हैं लगातार
पहला किलका —
मुश्किल बहुत है रास्ता ढूँढ़ना
इसकी बीवी तक पहुँचने को
दूसरा बोला —
सब कुछ धुएँ में डूबा है
दोस्तों को ढूँढ़
 पाना कठिन है ।

तीन कौए उड़ते रहे लगातार
सोचते रहे, सोचते रहे, बार-बार
तीसरा बोला —
मैं जा सकता हूँ बूढ़ी माँ तक
पर ख़बर इतनी भारी है
कि पंख मेरे उठा नहीं सकते उसे ।

तीन कौए घूमते रहे लगातार ।