भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तुम बिन मेरी कौन खबर ले / मीराबाई

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:19, 22 जून 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> तुम बिन मेरी कौन खबर ले। गोवर्धन गि...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुम बिन मेरी कौन खबर ले। गोवर्धन गिरिधारीरे॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पीतांबर सोभे। कुंडलकी छबी न्यारीरे॥ तुम०॥१॥
भरी सभामों द्रौपदी ठारी। राखो लाज हमारी रे॥ तुम०॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमल बलहारीरे॥ तुम०॥३॥