Last modified on 3 अक्टूबर 2018, at 17:27

तुम्हारी आँख से छलका है आँसू / जंगवीर स‍िंंह 'राकेश'

Jangveer Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:27, 3 अक्टूबर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जंगवीर स‍िंंह 'राकेश' |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारी आँख से छलका है आँसू
हमारी साँस में अटका है आँसू

तुझे महशर बताया जाए लड़की
तेरे हर दाँव का इक्का है आँसू

ख़िज़ा का फूल झड़ जाता है जैसे
हमारी आँख से झड़ता है आँसू

हक़ीक़त-दर-हक़ीक़त ज‍ानता हूँ
तुम्हारे ढोंग का परदा है आँसू

जबीं पर ये पसीने की हिदायत
मुझे कहती है इक धोका है आँसू

हमीं ने रोक रक्खा है, वगरना !
हमारे हिज्र का दरया है आँसू

हथेली पर मिरी गिरता है छन से
म'आने सीने में जलता है आँसू