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तुम्हारी याद ने जब भी मुझे सदा दी है / त्रिपुरारि कुमार शर्मा

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तुम्हारी याद ने जब भी मुझे सदा दी है
हर एक बार मैं थोड़ा-सा बिखर जाता हूँ

मेरी सफ़ेद सांसों ने मुझको समेट रखा है