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तोहरा देखेले न´ मिलतो / सिलसिला / रणजीत दुधु

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लाठा, खंभा, करींग कूँड़ी
घोघा, सेनूर, जूड़ा, चूड़ी
बढ़ना, हड़िया, ढ़कनी, चुक्का
खपड़ा, मंगड़ा, टोंटी, हुक्का

ठेकुआ, समाठ, ढेंकी, उखड़ी
मउनी, बटुड़ी, खोरनी खपड़ी
पतिला, टेहरी, टुइयाँ, घइला
मुरेट्ठा, ओढ़नी, सितुआ, पइला

खटोला, जाँता, हड़का, सिकड़ी
लोढ़ी, पाटी, टाट, पंगड़ी
बोरसी, अमारी, पीढ़ा, पलंगड़ी
बोरसी, अमारी, पीढ़ा, खटिया
पटुआ, सुतरी, कच्छा, मचिया

झिटकी, मनराजी, दलघोटनी
मट्ठा, डाढ़ी, नेनू, मउमहनी
बइल, रेहट, दमाही, गोठउर
हर, पालो, चउँकर, घूरउएर

बाया, गिद्ध, घरबगेरी, बटेर
कठखोदवा, धपचुहिया, नेउर
लड़की के दुपट्टा आउ केश
मरद के मोछवाला भेष

महादेववाला मगही गाय
अपन दुध पियावेवाली माय
घुस न´ लेवेवाला अधिकारी
एक रुपइया लेवेवाला भिखारी

सच-सच बोलेवाला नेता
आज्ञाकारी जोरू, बेटा
अपना में अपनापन पियार
बिना मतलब के आदर सत्कार

परब त्योहार बिना दारू के
बिआह शादी बिना साढू के
बराती लउटे बिना झगड़ा के
बिआह हो जाय बिना रगड़ा के

डी. जे. के बिना दुअरलग्गी
गरमी के बिना अगलग्गी
दादा-दादी संयुक्त परिवार
माउग-मरद के बीच पियार
माय-बाप न´ अगोरे डेवढ़ी
घर के मालिक हो बुढ़ा-बुढ़ी

सच्चाई वफादारी ईमान
आर्यावर्त भारत हिंदुस्तान
परेम के फूल घर में न´ खिलतो
तोहरा देखले न´ मिलतो