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त्रिलोचन जी का मुख / समीर बरन नन्दी

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इस साल सरसों के तेल में आधा चम्मच
पिसी हुई हल्दी की तरह है - बसंत-पंचमी

पृथ्वी भीतर से बीमार है
त्रिलोचन का मुख पीला पड़ा है ।

शाम को एक पंख हवा मे बैठकर
पहाड़ की ओर गया है ।

अस्थिर बैठा हूँ -- कहीं किसी
दुर्घटना का समाचार ना आए ।